ऑपरेशन संजीवनी : भारत : मालदीव (OPERATION SANJEEVANI : INDIA : MALDIVES) 

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Operation Sanjeevani - India vs Maldives

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ऑपरेशन संजीवनी : भारत : मालदीव( OPERATION SANJEEVANI : INDIA : MALDIVES) 
चर्चा में क्यों

ऑपरेशन संजीवनी : भारतीय : मालदीव (OPERATION SANJEEVANI : INDIA : MALDIVES) चर्चा में क्यों ?भारत एक बार फिर पड़ोसी देश के लिए मददगार बना। इंडियन एयर फोर्स और इंडियन आर्मी ने मिलकर मालदीव का भारत में फंसा 6.2 टन का सामान उन तक पहुंचाया। इसमें जरूरी दवाइयां और अस्तपाल के लिए जरूरी सामान थे। इसमें कैंसर से लेकर कोराना वायरस के मरीज के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाई भी हैं।

आपरेशन संजीवनी क्या है 

मालदीव की मदद के लिए इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन संजीवनी शुरू किया और 6.2 टन सामान एयर फोर्स के सी-130 एयरक्राफ्ट में लिफ्ट कर माले पहुंचाया। दरअसल भारत के अलग अलग सप्लायर्स से ये सामान मालदीव जाना था लेकिन 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से यह दवाई और सामान सप्लायर्स किसी और तरीके से मालदीव नहीं भेज सकते थे

मालदीव सरकार के आग्रह पर इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन संजीवनी शुरू किया। इंडियन एयर फोर्स के विमान ने यह सामान नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, मदुरै के एयरपोर्ट से उठाया फिर माले के लिए उड़ान भरी। जो सामान भेजा गया है उसमें बीपी, डायबिटीज, किडनी के मरीजों की दवाइयों से लेकर एंटी वायरल और इंफ्लुएंजा की वैक्सीन तक हैं

मालदीव से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य

India Maldives Map

  • मालदीव में लगभग 1,190 मूंगा द्वीप (Coral islands) शामिल हैं, जो उत्तर-दक्षिण दिशा के बराबर 26 प्रवाल द्वीपों की दोहरी चेन में संगठित हैं। यह लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो इसे दुनिया के सबसे पृथक देशों में से एक बनाता है।
  • प्रवाल द्वीप गतिशील मूंगा रीफ़ (live coral reefs)और रेत की टिकियों (sand bars)से बना है। यह एक 960 किलोमीटर लम्बे कटक( submerged ridge) के ऊपर स्थित है जो अकस्मात(abruptly) भारतीय महासागर की गहराई में से उत्थान(rise) करता है और उत्तर से दक्षिण की ओर चलता है।
  • इस प्राकृतिक एटोल (atoll)के केवल दक्षिणी छोर के पास 2 खुले रास्ते है, जो मालदीव के क्षेत्रीय पानी (regional water of Maldives) द्वारा जहाजों को भारतीय महासागर के एक किनारे से दूसरे किनारे तक सुरक्षित मार्ग ( safe ship navigation)देता है।
  • मालदीव के पास दुनिया में सबसे निचला देश होने का रिकॉर्ड है, इसका अधिकतम प्राकृतिक जमीनी स्तर सिर्फ 2.3 मीटर है, रीफ मूंगा ( coral reef)मलबे( sediments) और क्रियाशील( live Coral) मूंगा से बनाया जाता है। यह दलदल (swamp)बना कर सागर के विरुद्ध एक प्राकृतिक बाधा का कार्य करता हैं।
  • मूंगा बाधा (barrier reef) के आसपास एक छिद्र, शांत झील के पानी को अभिगम (passage)देता है। द्वीप की मूंगा बाधा( Barrier reef) उसे तूफानों और हिंद महासागर की उच्च तरंगों से सुरक्षित रखती
  • मालदीव के आस-पास का जल जैविक और वाणिज्यिक मूल्य की दुर्लभ प्रजातियां प्रचुर मात्रा में हैं, टूना मछली पालन परंपरागत रूप से देश के मुख्य वाणिज्यिक संसाधनों में से एक है।
  • मालदीव में समुद्र जीवन की अद्भुत विविधता है। इसमें प्रवाल और 2,000 से भी अधिक प्रकार की मछलियां हैं, रीफ मछली से लेकर रीफ शार्क, मोरे इल्ज़ और कई प्रकार की रे मछालियाँ: मानता रेज़, स्टिंग रे और ईगल रे. मालदीवी जल व्हेल शार्क के लिए घर भी है।
मालदीव – जलवायु :

हिंद महासागर का देश की जलवायु पर बड़ा प्रभाव है,। मालदीव का तापमान पूरे साल 24 (75F) और 33 °से. (91 °फ़ै) के बीच रहता है। हालांकि नमी अपेक्षाकृत अधिक है, लगातार शांत समुद्र हवाएं वायु को गतिमान रखती हैं और गर्मी कम करती हैं।

मालदीव का मौसम दक्षिण एशिया के उत्तर में स्थल खंड से प्रभावित होता है। इस स्थलखंड की उपस्थिति भूमि और जल के मध्य तापमान  में अंतर का कारण बनता है।  इसी कारण हिंद महासागर से दक्षिण एशिया के ऊपर आद्र पवन का प्रवाह होता है ,जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण पश्चिम मानसून आता है।

दो ऋतु मालदीव के मौसम को प्रभावित करती हैं 

पूर्वोत्तर मानसून से जुडी शुष्क ऋतु और वर्षा ऋतु जो गर्मियों में दक्षिण पश्चिम मानसून के द्वारा लाई जाती है। मालदीव में दक्षिण पश्चिम मानसून अप्रैल के अंत से अक्टूबर के अंत तक रहता है और तेज हवा और तूफान लाता है।

नम दक्षिण पश्चिम मानसून से शुष्क पूर्वोत्तर मानसून में बदलाव अक्टूबर और नवंबर के दौरान होता है। इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर हवा पूर्वोत्तर मानसून की उत्पत्ति करने में योगदान देती हैं जो दिसम्बर की शुरुआत में मालदीव पहुँचता है और मार्च के अंत तक वहाँ रहता है।

हालांकि, मालदीव के मौसम का पैटर्न हमेशा दक्षिण एशिया के मानसून पैटर्न के अनुरूप नहीं रहता. वार्षिक औसत वर्षा उत्तर में 2,540 मिलीमीटर और दक्षिण में 3,810 मिलीमीटर रहती है।

Cover Image of World Autism Day

ऑटिज़्म  

 

  • ऑटिज़्म एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिसकी वजह से बच्चों को अपनी बात कहना और दूसरों को समझना मुश्किल हो जाता है। ऑटिज़्म (Autism) या आत्मविमोह / स्वलीनता, एक मानसिक रोग या मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला विकार है जो विकास संबंधी एक गंभीर विकार है, जिसके लक्षण जन्म से या बाल्यावस्था (प्रथम तीन वर्षों में) में ही नज़र आने लगते है और व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है।
  • जिन बच्चों में यह रोग होता है उनका विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है, साथ ही इसकी वजह से उनके न्यूरोसिस्टम पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे प्रभावित व्यक्ति, सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है जैसे एक ही काम को बार-बार दोहराना। यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है।
  • ऑटिज़्मग्रस्त व्यक्ति संवेदनों के प्रति असामान्य व्यवहार दर्शाते हैं, क्योंकि उनके एक या अधिक संवेदन प्रभावित होते हैं। इन सब समस्याओं का प्रभाव व्यक्ति के व्यवहार में दिखाई देता है, जैसे व्यक्तियों, वस्तुओं और घटनाओं से असामान्य तरीके से जुड़ना। ऑटिज़्म का विस्तृत दायरा है।
  • विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस हर साल 2 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दिन है, जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को दुनिया भर में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार से पीड़ित लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • हमारे देश में ऐसे बच्चे एक करोड़ से ज़्यादा हैं। और दुनिया भर में हर 68 वां आदमी इस समस्या से पीड़ित है। इसमें कोई शक नहीं कि ऑटिज्‍म एक चुनौती है,
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस थीम 
  1. विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2020 में इस बार की थीम है सहायक तकनीक, सक्रिय भागीदारी
  2. विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2019 : इस बार की थीम है सहायक तकनीक, सक्रिय भागीदारी
  3. विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2018 का थीम है ‘Empowering Women and Girls with Autism’.
जेनेटिक है यह प्रॉब्लम
  • विशेषज्ञों की मानें तो यह समस्या जेनेटिक है।
  • परिवार में किसी को इस तरह की समस्या या इससे रिलेटेड कोई प्रॉब्लम होने से बीमारी बच्चों को हो सकती है।
  • अटेंशन डेफिसिट हायपर एक्शन डिसऑर्डर भी इसी श्रेणी में आता है।
  • ऑटिज्म मेंटल इलनेस है, जो कि जन्म से होती है। बच्चों का आईक्यू पूरी तरह खराब नहीं होता है। ऐसे बच्चों का दिमाग कुछ धीमा चलता है तो कुछ चीजों में साधारण बच्चों की तुलना में तेज भी चलने लगता है।
ऑटिज्म के लक्षण :
  1. बच्चे सामाजिक तौर पर संवाद नहीं करते।
  2. आपस में बातचीत नहीं करते।
  3. आंख से आंख मिलाकर बातें नहीं करते।
  4. उनके बैठने का तरीका सामान्य बच्चों के जैसा नहीं होता है।
  5. बार-बार हाथ हिलाना जैसे मूवमेंट करते हैं।
  6. ऐसे बच्चे हमेशा अपने रुटीन में रहते हैं।
  7. रुटीन से हटना उनको पसंद नहीं होता है।
विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day)
  • दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 2 अप्रॅल को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में 2 अप्रैल के दिन को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस घोषित किया था। इस दिन उन बच्‍चों और बड़ों के जीवन में सुधार के कदम उठाए जाते हैं, जो ऑटिज़्म ग्रस्‍त होते हैं और उन्‍हें सार्थक जीवन बिताने में सहायता दी जाती है।
  • नीला रंग ऑटिज़्म का प्रतीक माना गया है। वर्ष 2013 में इस अवसर पर ऑटिज़्मग्रस् एक व्यक्ति कृष् नारायणन द्वारा लिखित एक पुस्तक और अलग ही आशाशीर्षक एक गीत जारी की गई।
  • भारत के सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार प्रति 110 में से एक बच्‍चा ऑटिज़्मग्रस्‍त होता है और हर 68 बालकों में से एक बालक इस बीमारी से प्रभावित होता है। इस बीमारी की चपेट में आने के बालिकाओं के मुकाबले बालकों की ज्‍यादा संभावना है।
  • इस बीमारी को पहचानने का कोई निश्चित तरीका ज्ञात नहीं है, लेकिन जल्‍दी निदान हो जाने की स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ किया जा सकता है। दुनियाभर में यह बीमारी पाई जाती है और इसका असर बच्‍चों, परिवारों, समुदाय और समाज पर पड़ता है।

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