पर्यावरण

परि और आवरण शब्दों को जोड़ने पर पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति होती है|अतः पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है, जो आवरण हमें चरों ओर से घेरे हुए है| पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम ,1986 के अनुसार ,पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ घिरे भौतिक एवं जैविक दशाएं और उनके साथ अंतः क्रिया को सम्मिलित करता है| 

पृथ्वी पर पाए जाने वाले भूमि,जल, वायु, पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं का समूह जो हमारे चारों ओर है,सामूहिक रूप से पर्यावरण कहलाता है| पर्यावरण के ये अजैविक और जैविक संघटक आपस में अंतर्क्रिया भी करते हैं| यह सम्पूर्ण प्रकिर्या एक तंत्र के रूप में संचालित होती है,जिसे पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है|

पर्यावरण एक अविभाज्य समष्टि है तथा जैविक एवं अजैविक तत्वों वाले पारस्परिक क्रियाशील तंत्रों से इसकी रचना होती है| पर्यावरण के तीन संघटक हैं-

1)     भौतिक या अजैविक संघटक – स्थल,वायु,जल

2)     जैविक संघटक – पादप,मनुष्य ,जंतु, सूक्ष्म जीव

3)     ऊर्जा संघटक – सौर्यिक ऊर्जा एवं भू –तापीय ऊर्जा

अतः पर्यावरण कई संघटकों से निर्मित एक संरचना है|


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